🔰 पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:-
[सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए समान रूप से उपयोगी]
• किसी एकल जाति (स्पीशीज़) व उसके रहवास के पर्यावरणीय घटकों का अध्ययन कहलाता है- स्वपारिस्थितिकी (आटोइकोलॉजी)
• रामसर अभिसमय, भारत जिसका एक हस्ताक्षरकर्ता है, किसके संरक्षण और विवेकपूर्ण उपयोग से संबंधित है -आर्द्रभूमियाँ
• विश्व की सर्वाधिक प्रवाल भित्तियाँ मिलती हैं -उष्णकटिबंधीय सागरीय जल में
• रामसर सूची के अनुसार विश्व में सर्वाधिक आर्द्रभूमि स्थल हैं- यूनाइटेड किंगडम में
• 'अपरद खाद्य श्रृंखला' के आधार में जीव होते हैं-अपघटक
•'प्रोबायोटिक' पद प्रयुक्त किया जाता है-सजीव सूक्ष्मजीवी खाद्य संपूरक के लिये
• स्वपोषित जीवों की कार्बन और ऊर्जा की आवश्यकताएँ पूरी होती हैं- प्रकाश संश्लेषण द्वारा
• निम्न पोषण स्तर से उच्च पोषण स्तर पर जाने में उपभोक्ताओं की संख्या घटती जाती है। इसका प्रत्यक्ष कारण है- ऊर्जा प्रवाह
• बाज सर्प, सर्प मेंढक, मेंढक टिड्डा और टिड्डा घास खाता है। इस खाद्य श्रृंखला में बाज है- चतुर्थ उपभोक्ता
• पारिस्थितिकी निकाय में ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है- सौर ऊर्जा
• एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा की मात्रा एक पोषण स्तर से अन्य स्तर में स्थानांतरण के पश्चात्- घट जाती है
• 'पारिस्थितिकी स्थायी मितव्ययिता है', यह नारा है-चिपको आंदोलन का
• भारत का प्रथम नेशनल सेंटर फॉर मरीन बायोडायवर्सिटी (एन.सी.एम.पी.) स्थित है- जामनगर (गुजरात) में
• पर्यावरण में ग्रीन हाउस प्रभाव में वृद्धि होती है- डाइऑक्साइड के कारण
• जुगाली करने वाले पशुओं से जिस ग्रीन हाउस गैस का निस्सरण होता है, वह है-मीथेन
• क्योटो प्रोटोकॉल संबंधित है- जलवायु परिवर्तन से
• भारत में अति सघन वनों का सर्वाधिक क्षेत्र किस राज्य में पाया जाता है -अरुणाचल प्रदेश में
• इंडस डॉल्फिन (भूलन), जो दुनिया का एक दुर्लभ स्तनपायी है, भारत में मुख्य रूप से किस नदी में पाई जाती है- व्यास नदी में
• भारत का वह क्षेत्र, जहाँ प्राकृतिक रूप से दो-कूबड़ वाला ऊँट पाया जाता है- लद्दाख क्षेत्र
• ऐसा क्षेत्र, जहाँ पर वर्षा की प्राप्ति की तुलना में वाष्पोत्सर्जन अधिक होता है, कहलाता है- मरुस्थलीय बायोम
• दो या अधिक विविध पारितंत्रों के बीच का वह विशिष्ट क्षेत्र या स्थान, जहाँ दो प्राणि समुदाय मिलते हैं और एकीकृत होते हैं, कहलाता है- इकोटोन या संक्रमिका
• ऐसी प्रजातियाँ, जो पर्यावरण परिवर्तन के लिये बहुत संवेदनशील होती हैं, कहलाती हैं- संकेतक प्रजातियाँ
• डायमंड हार्बर (प. बंगाल) और पेन्नार मुहाना (आंध्र प्रदेश) उदाहरण हैं- ज्वारनदमुखीय पारिस्थितिकी तंत्र के
• जैविक अन्योन्यक्रिया का वह प्रकार, जिसमें एक जाति को लाभ तथा दूसरी जाति को हानि होती है- परजीविता
• कार्बन चक्र की वे प्रक्रियाएँ, जिनके द्वारा कार्बन डाईऑक्साइड वातावरण में वापस चली जाती है- दहन एवं श्वसन
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