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    15.11.23

    वृद्धि एवं विकास,विकास की अवस्थाएँ, | शैशवावस्था, बाल्यावस्था, किशोरावस्था की विशेषताएं


    वृद्धि एवं विकास,विकास की अवस्थाएँ, | शैशवावस्था, बाल्यावस्था, किशोरावस्था की विशेषताएं



    अभिवृद्धि एवं विकास-

    अभिवृद्धि = "अभिवृद्धि से आशय शरीर तथा शारीरिक अंग में भार तथा आकार की दृष्टि से वृद्धि होना है."

     ऐसी वृद्धि जिसका मापन संभव हो -सारेनसन

    • अभिवृद्धि एक जैविक क्रिया है।
    • इसमें परिमाणात्मक परिवर्तन होते है।
    • अभिवृद्धि के घटक मूर्त होते हैं।
    • वृद्धि का क्षेत्र सीमित होता है।
    • वृद्धि अजीवन नहीं चलती, कुछ समय बाद रुक जाती है।
    • अभिवृद्धि का प्रयोग संकुचित अर्थ में होता है।

    नोट- अधिगम एवं वातावरण द्वारा आर्जित गुणों का अभिवृद्धि में स्थान नगण्य रहता है।

    विकास👉
     विकास के अन्तर्गत सामाजिक, सांस्कृतिक  नैतिक, मानसिक शारीरिक एवं संवेगात्मक परिवर्तनों को सम्मिलित किया जाता है।

    'विकास मुख्यतः वंशानुक्रम तथा वातावरण की अंतःक्रिया पर आधारित है।"

    • विकास में वृद्धि भी सम्मिलित है, इसमें गुणात्मक
    • परिमाणात्मक परिवर्तन होते है।
    • यह जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है।
    • विकास बहुमुखी प्रक्रिया है।
    • विकास की गति "सामान्य से विशिष्ट" की ओर चलती है।

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