NCF 2005
👉NCF 2005, बालकों को क्या और क्यो और कैसे पढ़ाया जाए, इन्हीं विषयों पर ध्यान केंद्रित कराने हेतु एक दस्तावेज है।
👉NCF 2005 का Full Form : National Curriculum Framework 2005 (राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005)
👉NCF 2005 का प्रमुख सूत्र:- Learning without Burden "बिना बोझ के अधिगम / पढ़ना "
👉राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 का अनुवाद संविधान की आठवीं अनुसूची में दी गई सभी भाषाओं में किया गया है।
👉राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 (NCF 2005) का उद्धरण रविंद्र नाथ टैगोर के निबंध "सभ्यता और प्रगति" से हुआ है|
👉NCF 2005 को प्रो. यशपाल की अध्यक्षता में तैयार किया गया।
NCF 2005 के 5 मार्गदर्शक सिद्धांत है।
1. ज्ञान को स्कूल के बाहर जीवन से जोड़ा जाए।
2. पढ़ाई को रटन्त प्रणाली से मुक्त
3. पाठ्य चर्चा पाठ्यपुस्तक केंद्रित न रह जाए।
4. कक्षा कक्ष को गतिविधियों से जोड़ा जाए एवं इसे लचीला बनाया जाए।
5. राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार हो या राष्ट्रीय महत्व के बिंदुओं को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।
NCF 2005 की प्रमुख सुझाव / राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 की मुख्य विशेषता
🔶NCF 2005 के अनुसार प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा में होना चाहिए।
🔶शिक्षण सूत्र जैसे ज्ञात से अज्ञात की ओर, मूर्त से अमूर्त की ओर आदि का अधिकतम प्रयोग हो।
🔶विशाल पाठ्यक्रम व मोटी किताबें शिक्षा प्रणाली की असफलता का प्रतीक है।
🔶बच्चों को स्कूल से बाहर जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करें।
🔶पुस्तकालय में बच्चों को स्वयं पुस्तक चुनने का अवसर दें।
🔶शिक्षकों को अकादमिक संसाधन व नवाचार आदि समय पर पहुंचाए जाएं।
🔶शिक्षण अधिगम परिस्थितियों में मातृभाषा का प्रयोग।
🔶सजा व पुरस्कार की भावना को सीमित रखा जाए।
🔶 सह शैक्षणिक गतिविधियों में बच्चों के अभिभावकों को भी जोड़ा जाएं।
🔶मानसिक स्तर एवं योग्यता के अनुसार पाठ्यक्रम का निर्धारण हो।
🔶बालकों के चहुंमुखी विकास पर आधारित पाठ्यचर्या हो ।
🔶सभी विद्यार्थियों हेतु समावेशी वातावरण तैयार करना।
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