रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
>"वह क्रिया या प्रक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक पदार्थ आपस में क्रिया करके नया पदार्थ बनाते है, रासायनिक अभिक्रिया कहलाती है।"
>"किसी रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण के रूप में प्रतीकात्मक निरूपण रासायनिक समीकरण कहलाता है।"
> किसी भी संतुलित रासायनिक समीकरण के दोनों पक्षों में विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान होती है।
> रासायनिक अभिक्रियाएँ विभिन्न प्रकार की होती हैं।
> ऐसी अभिक्रियाएँ जिनमें दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं, संयोजन अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
> ''जिन अभिक्रियाओं में उत्पादन के साथ-साथ ऊष्मा भी उत्पन्न होती है, वे ऊष्माक्षेपी-अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।''
> "जिन अभिक्रियाओं में ऊष्मा अवशोषित होती है, वे ऊष्माशोषी-अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।''
> "जब किसी अभिक्रिया में एकल अभिकर्मक टूट कर दो या दो से अधिक छोटे-छोटे उत्पाद बनाता है, तब यह अभिक्रिया अपघटन या वियोजन अभिक्रिया कहलाती है।''
> "यदि वियोजन (अपघटन) की अभिक्रिया ऊष्मा के द्वारा होती है तो उस अभिक्रिया को ऊष्मीय वियोजन या ऊष्मीय अपघटन कहते हैं।"
> "जब किसी अभिक्रिया में एक अभिकर्मक तत्व दूसरे अभिकर्मक यौगिक में से किसी तत्व को विस्थापित करके स्वयं उसका स्थान ग्रहण कर लेता है, तब यह अभिक्रिया विस्थापन अभिक्रिया कहलाती है।"
> ''वे अभिक्रियाएँ जिनमें अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है, द्वि-विस्थापन अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।''
>"जब किसी अभिक्रिया में एक अभिकारक का उपचयन तथा दूसरे अभिकारक का अपचयन होता है, तो यह अभिक्रिया उपापचयन अभिक्रिया या उपचयन-अपचयन अभिक्रिया अथवा रेडॉक्स अभिक्रिया कहलाती है।"
> “जब कोई धातु अपने आस-पास अम्ल, आर्द्रता आदि के सम्पर्क में आती है, तब ये संक्षारित होती है। इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं।''
> संक्षारण के कारण लोहे से बनी वस्तुओं की बहुत क्षति होती है।
> तेल या वसा के उपचयित होने के कारण इससे बने खाद्य पदार्थ विकृतगंधी हो जाते हैं, अर्थात् उनके स्वाद एवं गंध बदल जाते हैं।
> तेल या वसा में बने खाद्य पदार्थों को विकृतगंधी होने से बचाने के लिए उनमें प्रतिऑक्सीकारक पदार्थ मिलाए जाते हैं अथवा उनके पैकेट में से ऑक्सीजन हटाकर उसको नाइट्रोजन जैसी कम सक्रिय गैसों में युक्त कर देते हैं, ताकि उनका उपचयन रोक सके।
> "जब अपघटन की अभिक्रिया विद्युत की उपस्थिति के कारण होती है तो यह विद्युत् अपघटन या विद्युत वियोजन कहलाती है।''
» “जब अपघटन की अभिक्रिया सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में होती हैं, तो यह प्रकाश अपघटन या प्रकाश वियोजन कहलाता है।"
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