TYPES OF SAMAS IN HINDI GRAMMAR :- समास के प्रकार व उनकी परिभाषा के साथ महत्वपूर्ण उदाहरण
समास के
प्रकार
- · द्वन्द्व समास
- · कर्मधारय समास
- · अव्ययीभाव समास
- · बहुव्रीहि समास
- · द्विगु समास
- · तत्पुरुष समास
बहुव्रीहि समास
जिस भी समास में दोनों पदों के
माध्यम से एक विशेष (तीसरे) अर्थ का बोध होता है, बहुव्रीहि समास होता है
उदाहरण के लिए-
I. लम्बोदर =
लम्बा उदर है जिनका मतलब गणेशजी।
II. गिरिधर =
गिरि को धारण करने वाले मतलब श्रीकृष्ण।
III. मक्खीचूस
= बहुत कंजूस व्यक्ति
IV. नीलकण्ठ =
नीला कण्ठ है जिनका मतलब शिवजी।
कर्मधारय समास
जिस भी समास में पूर्वपद विशेषण और
उत्तरपद विशेष्य हो, कर्मधारय समास होता है। इसमें भी उत्तरपद प्रधान होता है
उदाहरण के लिए-
I. चन्द्रमुखी
= चन्द्र के समान मुख वाली
II. सद्गुण =
सद् हैं जो गुण
III. नीलकमल =
नीला है जो कमल
IV. पीताम्बर
= पीत (पीला) है जो अम्बर
अव्ययीभाव समास
जिस भी समास में पूर्वपद अव्यय हो, अव्ययीभाव समास होता है। यह वाक्य
में क्रिया-विशेषण का कार्य करता है
उदाहरण के लिए-
I. प्रतिदिन
= प्रत्येक दिन
II. आजीवन =
जीवन-भर
III. यथासमय =
समय के अनुसार
तत्पुरुष समास
जिस भी समास में पूर्वपद गौण तथा
उत्तरपद प्रधान हो, तत्पुरुष समास होता है। दोनों पदों के बीच परसर्ग का लोप रहता है। परसर्ग
लोप के आधार पर तत्पुरुष समास के 6 प्रकार हैं
करण तत्पुरुष जहाँ करण-कारक चिह्न का
लोप हो
उदाहरण के लिए-
I. मुँहमाँगा
= मुँह से माँगा
II. गुणहीन =
गुणों से हीन
सम्प्रदान तत्पुरुष जहाँ सम्प्रदान
कारक चिह्न का लोप हो
उदाहरण के लिए-
I. सत्याग्रह
= सत्य के लिए आग्रह
II. युद्धभूमि
= युद्ध के लिए भूमि
अपादान तत्पुरुष जहाँ अपादान कारक
चिह्न का लोप हो
उदाहरण के लिए-
I. भयभीत =
भय से भीत
II. जन्मान्ध
= जन्म से अन्धा
सम्बन्ध तत्पुरुष जहाँ सम्बन्ध कारक
चिह्न का लोप हो
उदाहरण के लिए-
I. दिनचर्या
= दिन की चर्या
II. भारतरत्न
= भारत का रत्न
अधिकरण तत्पुरुष जहाँ अधिकरण कारक
चिह्न का लोप हो
उदाहरण के लिए-
I. आत्मविश्वास
= आत्मा पर विश्वास
II. नीतिनिपुण
= नीति में निपुण
कर्म तत्पुरुष (‘को’ का लोप)
उदाहरण के लिए-
I. गिरहकट =
गिरह को काटने वाला
द्विगु समास
जिस भी समास में पूर्वपद संख्यावाचक
हो, द्विगु समास होता
है।
उदाहरण के लिए-
I. सतमंजिल =
सात मंजिलों का समूह
II. सप्तदीप =
सात दीपों का समूह
III. त्रिभुवन
= तीन भुवनों का समूह
द्वन्द्व समास
जिस भी समास में पूर्वपद और उत्तरपद
दोनों ही प्रधान हों अर्थात् अर्थ की दृष्टि से दोनों का स्वतन्त्र अस्तित्व हो और
उनके मध्य संयोजक शब्द का लोप हो तो द्वन्द्व समास होता है
उदाहरण के लिए-
I. भाई-बहन =
भाई और बहन
II. पाप-पुण्य
= पाप और पुण्य
III. सुख-दुःख
= सुख और दुःख
IV. माता-पिता
= माता और पिता
V. राम-कृष्ण
= राम और कृष्ण
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