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    22.1.22

    हिंदी व्याकरण:- अनेक शब्दों के लिये एक शब्द, आगामी एग्जाम हेतु महत्वपूर्ण


    *RO_ARO_Special , टीईटी, सीटेट,बीएड,वीडीओ ,लेखपाल आदि परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण...*
    By *आदर्श कुमार सर*


    *अनेकशब्दों_के_लिये_एक_शब्द*

    ● जो सबके अन्तःकारण की बात जानने वाला हो – अन्तर्यामी (MPPCS, RAS, UPPCS, IAS)
    ● जो पहले कभी न हुआ हो – अभूतपूर्व (IAS, RAS)
    ● जो शोक करने योग्य न हो – अशोक (UPPCS)
    ● जो खाने योग्य ने हो – अखाद्य (UPPCS)
    ● जो क्षीण न हो सके – अक्षय (RO)
    ● जिसकी गहराई या थाह का पता न लग सके – अथाह, अगाध (RAS, UPPCS)
    ● जो चिन्ता के योग्य न हो – अचिन्त्य, अचिन्तनीय (RAS)
    ● जो इन्द्रियों द्वारा न जाना जा सके – अगोचर, अतीन्द्रीय (IAS)
    ● जो वस्तु किसी दूसरे के पास रखी हो – अमानत (UPPCS)

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    ● जो बीत चुका हो – अतीत (IAS)
    ● जो दिखायी न पड़े – अदृश्य, अप्रत्यक्ष (UPPCS, IAS)
    ● जो सदा से चला आ रहा है – अनवरत (IAS)
    ● जो कभी नहीं मरता – अमर्त्य, अमर (APO, RAS, IAS)
    ● जो आगे (दूर) की न सोचता हो – अदूरदर्शी (Upper Sub.)
    ● जो आगे (दूर) की सोंचता हो – अग्रसोची, दूरदर्शी (UPPCS)
    ● धरती (पृथ्वी) और आकाश के बीच का स्थान – अंतरिक्ष (UPPCS)
    ● जिसका कोई अर्थ न हो – अर्थहीन (UPPCS)
    ● जिस पर आक्रमण न किया गया हो – अनाक्रांत (UPPCS)
    ● जिसे जीता न जा सके – अजेय (UPPCS, Upper Sub., RO)
    ● बिना वेतन काम करने वाला – अवैतनिक (UPPCS, B.Ed., Low Sub.)
    ● जिसका जन्म पहले हुआ हो (बड़ा भाई) – अग्रज (RAS)
    ● दोपहर के बाद का समय – अपराह्न (IAS, Upper Sub., UPPCS)
    ● जो पराजित न किया जा सके – अपराजेय (UKPCS)
    ● अधिक बढ़ा-चढ़ा कर कहना – अतिशयोक्ति, अतियुक्ति (B.Ed.)
    ● जिसका परिहार (त्याग) न हो सके/जिसको छोड़ा न जा सके – अपरिहार्य (UPPCS, B.Ed., Low Sub.)
    ● जो कानून के प्रतिकूल हो/जो विधि के विरुद्ध हो – अवैध, अविधिक (UPPCS, IAS)
    ● जो समय पर न हो – असामयिक (UPPCS)
    ● जो अवश्य होने वाला हो – अवश्यम्भावी (APO, UPPCS)
    ● जिसका विवाह न हुआ हो – अविवाहित (IAS)
    ● जो सबके अन्तःकारण की बात जानने वाला हो – अन्तर्यामी (MPPCS)
    ● जिसका इलाज न हो सके – असाध्य (RO)
    ● किसी कार्य के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता – अनुदान (UKPCS)
    ● व्यर्थ/अनुचित खर्च करने वाला – अपव्ययी (RAS, UPPCS)
    ● जिसकी पहले से कोई आशा न हो – अप्रत्याशित (UPPCS, APO)
    ● पुरुष जो अभिनय करता हो – अभिनेता (MPPSC)
    ● जो भेदा या तोड़ा न जा सके – अभेद्य (Low Sub.)
    ● जिसका जन्म छोटी जाति (निचले वर्ण) में हुआ हो – अंत्यज (RO)
    ● जो अभी-अभी उत्पन्न हुआ हो – अद्यःप्रसूत (UPPCS)
    ● जिसको क्षमा न किया जा सके – अक्षम्य (Low Sub.)
    ● जो न जाना जा सके – अज्ञेय (Upper Sub., UPPCS)
    ● जो कुछ न जानता हो – अज्ञ, अज्ञानी (UPPCS, B.Ed.)
    ● कम बोलने वाला – अल्पभाषी, मितभाषी (Low Sub., APO, UPPCS, RAS,)
    ● थोड़ा जानने वाला – अल्पज्ञ (RAS, MPPCS)
    ● जिसका कभी अन्त न हो – अनन्त (UPPCS, B.Ed.)
    ● जिसका माँ-बाप न हो – अनाथ (IAS, UPPCS)
    ● जिसके समान कोई दूसरा न हो – अद्वितीय (RAS, IAS, UPPCS)
    ● जिस पर मुकद्दमा चल रहा हो/ जिस पर अभियोग लगाया गया हो – अभियुक्त, अभियोगी (UPPCS, APO, IAS)
    ● जिसकी कोई सीमा न हो – असीम (IAS, UPPCS)
    ● जिसके आने की कोई तिथि न हो – अतिथि (IAS, UPPCS)
    ● जिसे भुलाया न जा सके – अविस्मृति (IAS)
    ● जिसकी उपमा न हो – अनुपम, अनुपमा (UPPCS, IAS)
    ● जिसे बुलाया न गया हो/जो बिना बुलाये आया हो – अनाहूत (IAS, UPPCS)
    ● जिसका वचन या वाणी द्वारा वर्णन न किया जा सके/जिसे वाणी व्यक्त न कर सके – अनिर्वचनीय, अवर्णनीय (IAS, UPPCS)
    ● जिसे शब्दों में नहीं कहा जा सके – अकथनीय (UPPCS)
    ● जिसका निवारण न हो सकता हो – असाध्य (UPPCS, B.Ed.)
    ● जो अनुकरण करने योग्य हो – अनुकरणीय (APO)
    ● किसी के पीछे-पीछे चलने वाला/जो पीछे चलता हो – अनुचर, अनुगामी, अनुयायी (IAS, B.Ed.)
    ● जिस पर अनुग्रह किया गया हो – अनुगृहीत (UPPCS, B.Ed.)
    ● जो हिसाब किताब की जाँच करता हो – अंकेक्षक (MPPCS)
    ● रूप के अनुसार – अनुरूप (UPPCS)
    ● सोच-समझकर कार्य न करने वाला – अविवेकी (UPPCS, RAS)
    ● जो पहले कभी घटित न हुआ हो – अघटित (IAS)
    ● जिसकी परिभाषा देना संभव न हो – अपरिभाषित (IAS, B.Ed.)
    ● विकृत शब्द/बिगड़ा हुआ शब्द – अपभ्रंश (UPPCS)
    ● जो विश्वास करने योग्य (लायक) न हो – अविश्वासनीय (Low Sub.)
    ● जिसका किसी भी प्रकार उल्लंघन नहीं किया जा सके – अनुलंघनीय (Low Sub.)
    ● जो अभी तक न आया हो – अनागत (IAS, B.Ed.)
    ● मूल्य घटाने की क्रिया – अवमूल्यन (IAS, B.Ed.)
    ● अधिकार या कब्जे में आया हुआ – अधिकृत (UKPCS)
    ● जो पहले कभी नहीं सुना गया – अनुश्रुत (Low Sub.)
    ● जिसका जन्म अण्डे से हो – अण्डज (APO, B.Ed.)
    ● गुरु के समीप या साथ रहने वाला विद्यार्थी – अन्तेवासी (UPPCS, B.Ed.)
    ● जो व्यय न किया जा सके – अव्यय (Low Sub.)
    ● जिसका उत्तर न दिया गया हो – अनुत्तरित (Low Sub., UPPCS)
    ● जो बदला न जा सके – अपरिवर्तनीय (Low Sub.)
    ● जो इधर-उधर से घूमता-फिरता आ जाए – आगन्तुक (UPPCS, IAS)
    ● जो आदर करने योग्य हो – आदरणीय (IAS)
    ● आशा से अधिक/जिसकी आशा न की गई हो – आशातीत (Upper Sub., Low Sub.)
    ● आलोचना करने वाला – आलोचक (Upper Sub.)
    ● आदि से अन्त तक – आद्योपान्त, आद्यन्त (UPPCS, IAS)
    ● जो अपने पैरों पर खड़ा हो – आत्म-निर्भर (UPPCS)
    ● आभार मानने वाला – आभारी (RAS, UPPCS)
    ● जो किसी वस्तु या व्यक्ति के गुण-दोष की आलोचना करता हो – आलोचक (Upper Sub.)
    ● वह कवि जो तत्काल/तत्क्षण कविता कर डालता हो – आशुकवि (UKPCS, UPPCS)
    ● जो स्वयं का मत मानने वाला हो – आत्मभिमत (UPPCS)
    ● जो ईश्वर को मानता हो – आस्तिक (MPPCS, Low Sub., UPPCS, BPSC, UKPCS)
    ● अतिथि की सेवा करने वाला – आतिथेयी (UKPCS)
    ● भगवान के सहारे अनिश्चित आय – आकाशवृत्ति (UKPCS)
    ● जो परम्परा से सुना हुआ हो – आनुश्राविक (UKPCS)
    ● जो इन्द्रियों को वश में कर ले – इन्द्रिय-निग्रहवान (Upper Sub.)
    ● इतिहास जानने वाला – इतिहास-विंद, इतिहासविज्ञ, इतिहासकार (Upper Sub.)
    ● इंद्रियों को वश में रखने वाला/जो इन्द्रियों पर विजय प्राप्त कर चुका हो – इंद्रियजित, जितेन्द्रिय (TET)
    ● इन्द्रियों से परे/इन्द्रियों के पहुँच के बाहर – इन्द्रियाती (UPPCS)
    ● जो ऊपर कहा गया है – उपर्युक्त (IAS)
    ● उपकार करने वाला – उपकारी (UPPCS)
    ● किसी के बाद उसकी संपत्ति या पद को ग्रहण करने वाला व्यक्ति – उत्तराधिकारी (RAS)
    ● जो सब कुछ उदारता से देना जानता है – उदारमना (UPPCS)
    ● जिसने ऋण चुका दिया हो – उऋण (BPSC)
    ● पर्वत के नीचे तलहटी की भूमि – उपत्यका (RAS)
    ● ऊँचे स्वर से उच्चारण किया हुआ – उर्ध्वोच्चारित (UPPCS)
    ● जो धरती फोड़कर जन्मता है – उद्भिज (Low Sub.)
    ● जो छाती/पेट के बल चलता है – उरग, सर्प (Low Sub.)
    ● एक ही आदमी का अधिकार – एकाधिकार (UPPCS, RAS)
    ● अन्य से सम्बन्ध न रखने वाला – एकान्तिक (UPPCS)
    ● अपनी विवाहिता पत्नी से उत्पन्न (पुत्र) – औरस (APO)
    ● जो सब कुछ उदारता से देना जानता है – औदार्यदाता (UPPCS)
    ● जो कल्पना से परे हो – कल्पनातीत (IAS, BPSC)
    ● जो काल से परे हो – कालातीत (IAS)
    ● जिस पुरुष का ब्याह न हुआ हो/जिसने अभी विवाह न किया हो – कुमार, कुँवारा, कुआँरा (IAS)
    ● भय-शोकादि के कारण कर्तव्य-ज्ञान से रहित/जिसे कर्तव्य न सूझ रहा हो – किंकर्तव्य-विमूढ़ (UPPCS, B.Ed., Low Sub.)
    ● लेखन अति उत्तम होना – कलम तोड़ना (UPSI)
    ● जो अच्छे या ऊँचे कुल में उत्पन्न हुआ हो – कुलीन (Low Sub., UPPCS)
    ● व्यक्ति जिसका ज्ञान अपने ही स्थान तक सीमित हो/जिसे बाहरी जगत का ज्ञान न हो – कूपमंडूक (UKPCS)
    ● जो मोल लिया हुआ हो – क्रीत (RAS, APO)
    ● किये हुए उपकार को भूल जाने वाला – कृतघ्न, एहसान, फरामोश (Low Sub., RAS, UPPCS, APO, Asst. Grad Exam.)
    ● स्त्री जो कविता रचती है – कवयित्री (Low Sub.)
    ● जो कर्त्तव्य से च्युत हो गया हो – कर्त्तव्यच्युत (Upper Sub.)
    ● जो अपने काम से जी चुराता हो – कामचोर (MPPCS)
    ● जिसके पास करोड़ों रुपये हों – करोड़पति (B.Ed., IAS)
    ● जो कम खर्च करने वाला हो – कंजूस, मितव्ययी (UPPCS, APO)
    ● राजनीतिज्ञों एवं राजदूतों की कला – कूटनीति (MPPCS)
    ● जो भवन/घर गिर गया हो – खंडहर (Low Sub.)
    ● ऐसा ग्रहण जिसमें सूर्य परा ढक जाये – खग्रास, सूर्यग्रहण (UPPCS)
    ● जो खाया जा सके (जो खाने योग्य हो) – खाद्य (UPPCS)
    ● आकाश चूमने वाला – गगनचुम्बी, गगनस्पर्शी (Low Sub., APO, UPPCS, RAS)
    ● संध्या काल जब गायें चरकर लौटती हैं/सन्ध्या और रात के बीच का समय – गोधूलि (Upper Sub.)
    ● जो बात छिपाई जाए – गोपनीय (UPPCS)
    ● जिसके सिर पर बाल न हो – गंजा (Low Sub.) 
    ● जो पहाड़ को धारण करता हो – गिरिधारी, श्रीकृष्ण (IAS) 
    ● जो सदा से चला आ रहा हो – चिरन्तन, शाश्वत (IAS) 
    ● जिस पर चिन्ह लगाया गया हो – चिन्हित (UPPCS) 
    ● जिनके चार-चार पैर होते हैं – चतुष्पद, चौपाया (APO) 
    ● जिसके सिर पर चन्द्रमा (चन्द्र) है – चंद्रशेखर (UPPCS, RO)
    ● जहाँ से अनेक मार्ग चारों ओर जाते हैं – चौराहा (IAS) 
    ● छोटे से छोटे दोष को खोजने वाला – छिद्रान्वेषी (MPPCS, RAS)
    ● जीने की प्रबल इच्छा – जिजीविषा (MPPCS, RAS) 
    ● कुछ जानने या ज्ञान प्राप्त करने की चाह – जिज्ञासा (UPPCS) 
    ● जानने की इच्छा रखने वाला – जिज्ञासु (UPSI, UPPCS, IAS, RAS, Low Sub.) 
    ● जिसने इन्द्रियों पर विजय पा ली हो – जितेन्द्रिय (Upper Sub.) 
    ● जो अवैध सन्तान हो – जारज (UKPCS)
    ● तीनों कालों (भूत, वर्तमान और भविष्य) को जानने वाला – त्रिकालज्ञ, त्रिकालदर्शी (UKPCS)
    ● ऐसी जीविका जो आकस्मिक हो – तदर्थजीविका (UPPCS) 
    ● धरती और आकाश के बीच का स्थान – त्रिशंकु (UPPCS) 
    ● जो आगे की सोचता हो – दूरदर्शी (RAS) 
    ● गोद लिया हुआ पुत्र – दत्तक (UPPCS, UKPCS)
    ● जो दुबारा जन्म लेता हो – द्विज, द्विजन्मा (UPPCS, APO) 
    ● जहाँ जाना कठिन हो – दुर्गम (MPPCS, RAS) 
    ● जिसका दमन करना कठिन हो – दुर्दम, दुर्दम्य (UPPCS) 
    ● स्त्री-पुरुष का जोड़ा/पति एवं पत्नी – दंपति, दंपती (UPPCS)



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