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    17.7.20

    वैकल्पिक विषय- दर्शन शास्त्र

                        
                वैकल्पिक विषय- दर्शन शास्त्र
                         प्रश्न पत्र- 1
    दर्शन का इतिहास एवं समस्याएं:-
    (History and Problems of Philosophy)
    1. प्लेटो एवं अरस्तू: प्रत्यय; द्रव्य; आकार एवं पुदगल; कार्यकारण भाव; वास्तविकता एवं शक्यता (Plato and Aristotle: Ideas; Substance; Form and Matter; Causation; Actuality and Potentiality.)
    2. तर्कबुद्धिवाद (देकार्त, स्पिनोजा, लीबनिज): देकार्त की पद्धति एवं असंदिग्ध ज्ञान; द्रव्य; परमात्मा; मन-शरीर द्वैतवाद; नियतत्ववाद एवं स्वातत्रय ।(Rationalism (Descartes, Spinoza, Leibniz): Cartesian Method and Certain Knowledge; Substance; God; Mind-Body Dualism; Determinism and Freedom)
    3. इंद्रियानुभव (लाॅक, बर्कले, ह्यूम); ज्ञान का सिद्धांत; द्रव्य एवं गुण; आत्मा एवं परमात्मा; संशयवाद ।(Empiricism (Locke, Berkeley, Hume): Theory of Knowledge; Substance and Qualities; Self and God; Scepticism.)
    4. कांट: संश्लेषात्मक प्रागनुभविक निर्णय की संभवता; दिक एवं काल; पदार्थ; तर्कबुद्धि प्रत्यय; विप्रतिषेध; परमात्मा के अस्तित्व के प्रमाणों की मीमांसा ।(Kant: Possibility of Synthetic a priori Judgments; Space and Time; Categories; Ideas of Reason; Antinomies; Critique of Proofs for the Existence of God.)
    5. हीगेल: द्वंद्वात्मक प्रणाली; परमप्रत्यवाद।(Hegel: Dialectical Method; Absolute Idealism)
    6. मूर, रसेल एवं पूर्ववर्ती विटगेन्स्टीन; सामान्य बुद्धि का मंडन; प्रत्ययवाद का खंडन; तार्किक परमाणवाद; तार्किक रचना; अपूर्ण प्रतीक; अर्थ का चित्र सिद्धांत; उक्ति एवं प्रदर्शन ।(Moore, Russell and Early Wittgenstein: Defence of Commonsense; Refutation of Idealism; Logical Atomism; Logical Constructions; Incomplete Symbols; Picture Theory of Meaning; Saying and Showing.)
    7. तार्किक प्रत्यक्षवाद; अर्थ का सत्यापन सिद्धांत; तत्वमीमांसा का  अस्वीकार; अनिवार्य प्रतिज्ञप्ति का भाषिक सिद्धांत ।(Logical Positivism: Verification Theory of Meaning; Rejection of Metaphysics; Linguistic Theory of Necessary Propositions.)
    8. उत्तरवर्ती विट्गेंस्टीन: अर्थ एवं प्रयोग; भाषा-खेल; व्यक्ति भाषा की मीमांसा।(Later Wittgenstein: Meaning and Use; Language-games; Critique of Private Language.)
    9. संवृतिशास्त्रा ;हर्सलद्ध; प्रणाली; सार सिद्धांत; मनोविज्ञानपरता का परिहार ।(Phenomenology (Husserl): Method; Theory of Essences; Avoidance of Psychologism.)
    10. अस्तित्वपरकतावाद (कीर्कगार्द, सात्र्रा, हीडेगर); अस्तित्व एवं सार; वरण, उत्तरदायित्व एवं प्रामाणिक अस्तित्व; विश्वनिसत एवं कालसत्ता।(Existentialism (Kierkegaard, Sartre, Heidegger): Existence and Essence; Choice, Responsibility and Authentic Existence; Being-in-the –world and Temporality.)
    11. क्वाइन एवं स्ट्रासन: इंद्रियानुभववाद की मीमांसा; मूल विशिष्ट एवं व्यक्ति का सिद्धांत (Quine and Strawson: Critique of Empiricism; Theory of Basic Particulars and Persons.)
    12. चार्वाक: ज्ञान का सिद्धांत; अतींद्रिय सत्वों का अस्वीकार(Ca-rva-ka : Theory of Knowledge; Rejection of Transcendent Entities.)
    13. जैनदर्शन संप्रदाय; सत्ता का सिद्धांत; सप्तभंगी न्याय; बंधन एवं मुक्ति।(Jainism: Theory of Reality; Saptabhan(ginaya; Bondage and Liberation.)
    14. बौद्ध दर्शन संप्रदाय; प्रतीत्यसमुत्पाद; क्षणिकवाद, नैरात्म्यवाद।(Schools of Buddhism: Prati-tyasamutpa-da; Ksanikavada, Naira-tmyava-da)
    15. न्याय-वैशेषिक: पदार्थ सिद्धांत; आभास सिद्धांत; प्रणाम सिद्धांत;आत्मा, मुक्ति; परमात्मा; परमात्मा के अस्तित्व के प्रणाम; कार्यकारण-भाव का सिद्धांत, सृष्टि का परमाणुवादी सिद्धांत ।(Nya-ya- Vais'esika: Theory of Categories; Theory of Appearance; Theory of Prama-na; Self, Liberation; God; Proofs for the Existence of God; Theory of Causation; Atomistic Theory of Creation.)
    16. सांख्य: प्रकृति; पुरुष; कार्यकारण-भाव; मुक्ति(Sa-mkhya: Prakrti; Purusa; Causation; Liberation)
    17. योग: चित्त; चित्तवृति; क्लेश; समाधि कैवल्य(Yoga: Citta; Cittavrtti; Klesas; Samadhi; Kaivalya.)
    18. मीमांसा; ज्ञान का सिद्धांत(Mima-msa-: Theory of Knowledge)
    19. वेदांत संप्रदाय: ब्रह्मन; ईश्वर; आत्मन; जीव; जगत; माया; अविद्या; अध्यास; मोक्ष; अपृथक सिद्धि; पंचविधभेद(Schools of Veda-nta: Brahman; I-s'vara; A-tman; Jiva; Jagat; Ma-ya-; Avidya-; Adhya-sa; Moksa; Aprthaksiddhi; Pancavidhabheda)
    20. अरविन्द: विकास, प्रतिविकास; पूर्ण योग(Aurobindo: Evolution, Involution; Integral Yoga)

                            प्रश्न पत्र- 2

    सामाजिक-राजनैतिक दर्शन :-
    (Socio-Political Philosophy)
    1. सामाजिक एवं राजनैतिक आदर्श; समानता, न्याय, स्वतंत्रता(Social and Political Ideals: Equality, Justice, Liberty.)
    2. प्रभुसत्ता: आस्टिन बोदाॅ, जास्की, कौटिल्य(Sovereignty: Austin, Bodin, Laski, Kautilya)
    3. व्यक्ति एवं राज्य: अधिकार; कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व(Individual and State: Rights; Duties and Accountability)
    4. शासन के प्रकार: राजतंत्र; धर्मतंत्र एवं लोकतंत्र(Forms of Government: Monarchy; Theocracy and Democracy)
    5. राजनैतिक विचारधाराएं; अराजकतावाद; मार्क्सवाद एवं समाजवाद(Political Ideologies: Anarchism; Marxism and Socialism)
    6. मानववाद; धर्मनिरपेक्षतावाद; बहुसंस्कृतिवाद(Humanism; Secularism; Multiculturalism.)
    7. अपराध एवं दंड: भ्रष्टाचार, व्यापकहिंसा, जातिसंहार, प्राणदंड (Crime and Punishment: Corruption, Mass Violence, Genocide, Capital Punishment.)
    8. विकास एवं सामाजिक उन्नति(Development and Social Progress.)
    9. लिंग भेद: स्त्रीभ्रूण हत्या, भूमि एवं संपत्ति अधिकार; सशक्तिकरण(Gender Discrimination: Female Foeticide, Land and Property Rights; Empowernment.)
    10. जाति भेद: गांधी एवं अम्बेडकर(Caste Discrimination: Gandhi and Ambedkar)

    धर्म दर्शन :-
    (Philosophy of Religion)

    1. ईश्वर की धारणा: गुण; मनुष्य एवं विश्व से संबंध (भारतीय एवं पाश्चात्य)।(Notions of God: Attributes; Relation to Man and the World. (Indian and Western).
    2. ईश्वर के अस्तित्व के प्रमाण और उसकी मीमांसा (भारतीय एवं पाश्चात्य)।(Proofs for the Existence of God and their Critique (Indian and Western).
    3. अशुभ की समस्या(Problem of Evil)
    4. आत्मा: अमरता; पुनर्जन्म एवं मुक्ति(Soul: Immortality; Rebirth and Liberation)
    5. तर्कबुद्धि, श्रुति एवं आस्था(Reason, Revelation and Faith.)
    6. धार्मिक अनुभव: प्रकृति एवं वस्तु (भारतीय एवं पाश्चात्य)।(Religious Experience: Nature and Object (Indian and Western)
    7. ईश्वर रहित धर्म (Religion without God)
    8. धर्म एवं नैतिकता(Religion and Morality)
    9. धार्मिक शुचिता एवं परम सत्यता की समस्या(Religious Pluralism and the Problem of Absolute Truth)
    10. धार्मिक भाषा की प्रकृति: सादृश्यमूलक एवं प्रतीकात्मक; संज्ञानवादी एवं निस्संज्ञानवादी(Nature of Religious Language: Analogical and Symbolic; Cognitivist and Non- cognitive)

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