अक्षांश(Latitude)-
किसी स्थान की विषुवत रेखा से कोणीय दूरी को उस स्थान का अक्षांश कहते हैं।ग्लोब पर समान कोणीय दूरी वाले स्थानों को मिलाने वाली क्षैतिज रेखा को अक्षांश रेखा कहते हैं जो कि काल्पनिक रेखा होती है।विषुवत रेखा सर्वाधिक बड़ी अक्षांश रेखा होती है जिसकी लम्बाई 40,075 किमी है।विषुवत रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर अक्षांश रेखाओं की लम्बाई कम होती जाती है।
विषुवत या भूमध्य रेखा पृथ्वी को दो समान भागों में विभाजित करती है जिन्हें उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध कहा जाता है।
23 1/2 डिग्री उत्तरी अक्षांश रेखा को कर्क रेखा कहते हैं जबकि 23 1/2 डिग्री दक्षिणी अक्षांश रेखा मकर रेखा कहा जाता है।
66 1/2 डिग्री उत्तरी तथा दक्षिणी अक्षांश रेखा को क्रमशः आर्कटिक एवं अंटार्कटिक वृत्त कहा जाता है।
सभी अक्षांश रेखायें समानांतर होती हैं तथा दो अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी लगभग 111 किमी होती है।
देशांतर(Longitude)-
उत्तर तथा दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली काल्पनिक रेखाओं को देशांतर रेखाएं कहा जाता है। देशान्तर रेखा जिस स्थान या बिंदु से होकर गुजरती हैं उस स्थान का कोणीय मान देशान्तर कहलाता है।ये रेखायें लंबवत होती हैं जिनके बीच की दूरी समान नही होती है(अर्थात समानांतर नही होती हैं) तथा ये अर्धवृत्ताकार होती हैं।
0° देशान्तर रेखा को प्रधान याम्योत्तर या ग्रीनविच रेखा(अंतरराष्ट्रीय समय रेखा) कहा जाता है। 0° देशान्तर से पूर्व एवं पश्चिम की ओर स्थित देशांतर रेखाओं को क्रमशः पूर्वी तथा पश्चिमी देशांतर कहा जाता है।दो देशांतरों के बीच की दूरी भूमध्य रेखा पर 111.32 किमी होती है।
नोट:- 1° देशान्तर रेखा को पार करने में 4 मिनट का समय लगता है( पृथ्वी को 1° देशान्तर के घूर्णन में 4 मिनट) अतः प्रधान याम्योत्तर(0°) से 90° पर जाने में 6 घंटे का समय लगता है।
180° देशान्तर रेखा(पूर्वी या पश्चिमी) को अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा कहा जाता है। यह रेखा प्रशांत महासागर उत्तर से दक्षिण (स्थलीय भागों को छोड़कर) तक फैली हुई है। अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा के पूर्व से पश्चिम की ओर यात्रा करने पर एक दिन घट जाता है जबकि पश्चिम से पूरब की ओर जाने पर एक दिन बढ़ जाता है।
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