26 नवंबर 1949 को संविधान बनकर तैयार हुआ जिसकी उस समय दो लिपी हुआ करती थी
1- हिन्दी
2- अंग्रेजी
संविधान सभा की अंतिम बैठक - 24 जनवरी 1950
संविधान को पूर्ण रूप से लक्ष्मी किया गया – 26 जनवरी 1950
राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार किया गया- 22 जनवरी 1947
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति का पद ग्रहण किये- 26 जनवरी 1950
24 जनवरी 1950 को अन्तिम बैठक में संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किये थे।
पहले हस्ताक्षरकर्ता - पं0 जवाहर लाल नेहरू
अन्तिम हस्ताक्षरकर्ता डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
संविधान सभा में सर्वाधिक सदस्य संख्या- संयुक्त प्रांत (5 )
संविधान सभा में सर्वाधिक सदस्य संख्या वाली देशी रियासत थी- मैसूर (7)
संविधान सभा में राजस्थान की सदस्य संख्या- 15
भारतीय संविधान समर्पित है- भारतीय जनता को
मूल संविधान में..
भाग- 22
अनुसूची-8
अनुच्छेद- 395
वर्तमान संविधान में..
भाग- 25
अनुसूचियां- 12
अनुच्छेद-448
कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन दिसंबर 1929 को हुआ था। जिसमें कांग्रेस ने साफ घोषणा किया था कि प्रति 26 जनवरी को भारत का स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जायेगा। तत्पश्चात 1930 में 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया भी गया लेकिन भारत आजाद 15 अगस्त 1947 को हुआ था। 26 जनवरी वाली तिथि की महत्ता कम ना हो जाये इसलिए संविधान को पूर्ण रूप से 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।
संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुआ था इस बैठक का मुस्लिम लीग के द्वारा बहिष्कार किया गया। तत्पश्चात संविधान सभा की सदस्य संख्या 324 शेष बची।
जब मुस्लिम लीग ने संविधान सभा की प्रथम बैठक का बहिष्कार किया तो विस्टिन चर्चिल ने कहा "संविधान सभा की बैठक एक ऐसे विवाह की तरह है जिसकी दुल्हन ही गायब है -
अगस्त 1940 में अंग्रेजों द्वारा एक अगस्त प्रस्ताव रखा गया था जिसमें पहली बार अंग्रेजो ने संविधान सभा के गठन को स्वीकार किया कि "भारतीयों के लिए एक संविधान सभा होगी जिसमें मुख्यतया भारतीय होंगे लेकिन भारतीयों ने इसे अस्वीकार कर दिया।
क्रिप्स मिशन 1942 में भारत आया और उसने पूर्णतया स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि भारत के लिए एक संविधान सभा होगी जिसका गठन द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात किया जायेगा। भारतीयों के द्वारा इसे भी स्वीकार नहीं किया गया और किप्स मिशन का भी विरोध किया गया।
क्रिप्स मिशन के अध्यक्ष- स्टेफोर्ड क्रिप्स
संविधान सभा का एक सदस्य 10 लाख जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता था।
संविधान सभा के सदस्य निर्वाचित भी थे और मनोनित भी थे।
संविधान सभा के सदस्य के. वी. राव ने डॉ. अम्बेडकर को भारतीय संविधान का जनक और जननी दोनों कहा था।
बी. एन. राव...
इनका पूरा नाम बेनिगल नरसिम्हा राव था।
यह भारतीय संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार थे।
बी.एन. राव संविधान सभा के सदस्य नहीं थे। इन्होंने संविधान निर्माण में अपनी सेवाएं निःशुल्क दी थी। राव ने बर्मा के संविधान के निर्माण में भी अपना योगदान दिया था।
सर बी. एन. राव भारत की ओर से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में प्रथम न्यायधीश के रूप में कार्य कर चुके।
बी. एन. राव एक आई. सी. एस. अधिकारी थे।
संविधान सभा में कांग्रेस के 208 सदस्यों में से 30 ऐसे सदस्य थे जो कांग्रेसी नहीं थे।
संविधान सभा में अजमेर मेरवाड़ा के सदस्य- मुकुट बिहारी लाल भार्गव
संविधान सभा के सदस्य सर सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला मुस्लिम लीग से थे।
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