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    22.6.20

    कर परिहार(Tax Avoidance)

    कर परिहार(Tax Avoidance):- tax avoidance में लोगो द्वारा वैधानिक विधियों का प्रयोग करके tax से बचने की कोशिश की जाती है।
    उदाहरण के लिये रियल स्टेट सेक्टर में लेन देन को under report करना आदि।
     भारत मे tax avoidance एक बड़ी समस्या है तथा बहुत से लोग इसका प्रयोग कर टैक्स में बचत करने का प्रयास करते हैं।
     Tax Evasion: अवैधानिक
     Tax Avoidance: वैधानिक लेकिन अनुचित
     Tax Planning: वैधानिक + उचित
         Tax avoidance को रोकने के कुछ नवीनतम कदम
    1. GAAR(Genral anti avoidance rules)- इन्हें पहली बार 2012 मे लागू किया गया था लेकिन पार्थ सारथी सोम समिति की सिफारिशों पर स्थगित कर दिया गया। इन्हें 1 अप्रेल 2017 से पुनः लागू किया गया।
    2. POEM(Place of effective management)- इसके अंतर्गत किसी MNC(multi national company) के कर क्षेत्राधिकार का निर्धारण इस आधार पर किया जाता है कि उसके प्रावधान से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय किस राष्ट्र में लिए जा रहे।
    3. BEPS(Base Erosion And Profit Shifting)- G 20 / OECD राष्ट्रों की एक परियोजना जिसके माध्यम से MNCs द्वारा profit shifting से किये जाने वाले tax avoidance को रोका जाता है।
     यह ध्यान देने योग्य है कि भारत के द्वारा google tax इसी परियोजना के अंतर्गत चलाया गया था।
    4. CRS(Common Reporting Standards)- इन्हें AEoI(Automatic Exchange of Information) भी कहा जाता है, यह G20 राष्ट्रों की एक परियोजना है जिसके अंतर्गत सदस्य राष्ट्र कर और अन्य प्रकार की सूचनाओं का आदान प्रदान करते है जिससे tax avoidance रोकने में मदद मिलती है।
    5. APA(Advance Pricing Agreement):- इसके माध्यम से MNCs द्वारा transfer pricing के माध्यम से किये जाने वाले tax avoidance को रोका जाता है।
      Transfer pricing से कोई MNC कर से बचने के लिये AEs(Associated Enterprises) से जानबूझकर ऊँची कीमतों पर वस्तु या सेवाएं खरीदती है।
      APA के अंतर्गत कर विभाग सम्बंधित MNC के साथ कीमतों के संदर्भ में एक अग्रिम समझौता करता है।
    भारत मे APA को 2012 से लागू किया गया।

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