यह असंगठित क्षेत्रों के कामगारों पर केंद्रित सामाजिक सुरक्षा योजना है इसमें पात्र व्यक्ति को 60 वर्ष की आयु के पश्चात एक न्यूनतम पेंशन देने की गारंटी दी जाती है। इसे पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण द्वारा प्रशासित किया जा रहा है। इसे मई 2015 में प्रारंभ किया गया था।
इस योजना का लाभ निम्न लोग उठा सकते हैं-
1. ऐसे भारतीय नागरिक जिनकी उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच है।
2. उनका बचत खाता डाकघर या बचत बैंक में होना चाहिए।
मुख्य विशेषताएं-
० इस योजना में अंशदाता को 60 वर्ष की आयु के पश्चात 1000 से ₹5000 की पेंशन दी जाएगी जो उसके द्वारा किए गए अंशदान पर आधारित होगी।(1000 /2000/ 3000/ 4000 /₹5000 तक)
० केंद्र सरकार ऐसेे अंशदाताओं के लिए 5 वर्ष तक सह-योगदान करेगी जो 1 जून 2015 से 31 दिसंबर 2015 तक इस योजना से जुड़ गए हो तथा वह किसी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ प्राप्त न कर रहे हो एवं आयकरदाता न हो, केंद्र सरकार का सह- योगदान कुल वार्षिक अंशदान का 50% या ₹1000 जो भी कम हो, वह होगा।
० अंशदाता की मृत्यु हो जाने पर उसका जीवन साथी समान राशि की पेंशन का हकदार होगा, अंशदाता और जीवन साथी दोनों की मृत्यु हो जाने पर जमा राशि नामिनी को लौटा दी जाएगी।
० यदि अंशदाता की मृत्यु 60 वर्ष के पहले( अकस्मात मृत्यु) हो जाती है तो उसके जीवनसाथी द्वारा 60 वर्ष की आयु तक योगदान जारी रखा जा सकता है।
० अंशदाता को न्यूनतम 20 वर्ष तक योगदान करना होता है।
इस योजना के लाभ-
1. बहुत कम प्रीमियम द्वारा इस सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ उठाया जा सकता है।
2. असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर केंद्रित होने के कारण उस वर्ग को पेंशन की गारंटी प्रदान करती है जिनके लिए अभी तक ऐसी कोई योजना नहीं थी।
3. बचत खाता होने पर ही इस योजना का लाभ मिल सकता है इसलिए यह जन धन योजना की पूरक होगी।
4. वृद्धावस्था में सम्मानजनक जीवन जीने में सहायक होगी क्योंकि यह एक निश्चित मासिक आय प्रदान करती है।
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