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    8.6.20

    हांगकांग एवं चीन की समस्या

    हांगकांग एवं चीन की समस्या-
    चीन हांगकांग कि लोकतांत्रिक मांगो का हमेशा से विरोधी रहा है तथा वह किसी भी प्रकार से लोकतांत्रिक प्रदर्शनों को कुचलता आया है मई 2020 में चीन की संसद ने हांगकांग से जुड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को पारित किया यह एक ऐसा कानून है जिससे-
    चीन हांगकांग के लोगों की आजादी को छीन सकता है
    हांगकांग में लोकतंत्र की मांग को अपराध और राष्ट्र विरोधी गतिविधि माना जाएगा।
    चीन के खिलाफ प्रदर्शन करने पर राष्ट्रद्रोह की कार्यवाही की जा सकती है।
    इस कानून को लेकर हांगकांग में विरोध प्रदर्शन और भी तीव्र हो गए हैं।
    पिछले वर्ष भी चीन ने हांगकांग में अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए एक कानून बनाया था जिसका हांगकांग में विरोध 6 महीने तक किया गया और मजबूरन चीन को यह कानून वापस लेना पड़ा।
    हांगकांग :एक परिचय
    हांगकांग पूर्व में एक ब्रिटिश उपनिवेश था,जिसे 1997 में चीन को सौंप दिया गया तथा इसे विशेष प्रशासनिक क्षेत्र का दर्जा देकर अर्ध स्वायत्त क्षेत्र घोषित किया गया हांगकांग में 'एक देश, दो प्रणाली' की व्यवस्था लागू है उस समय चीन ने वर्ष 2047 तक हांगकांग के लोगों को स्वायत्तता और अपनी कानून व्यवस्था बनाए रखने की गारंटी दी थी। विदेशी एवं रक्षा मामलों को छोड़कर हांगकांग की अपनी अदालतें,वाणिज्य व्यापार के नियम तथा अपनी विधानसभा आदि हैं। हांगकांग  विश्व का एक बड़ा व्यापारिक केंद्र तथा दक्षिणी चीन सागर के मुहाने पर स्थित है तथा कई देशों ने हांगकांग को विशेष व्यापारिक दर्जा दे रखा है।
    चीन निम्नलिखित कारणों से हांगकांग पर अपना पूर्ण नियंत्रण बनाए रखना चाहता है-
    1. हांगकांग दक्षिणी चीन सागर में रणनीतिक अवस्थिति पर स्थित है तथा महत्वपूर्ण मार्गो पर स्थित है।
    2. हांगकांग में उठ रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण चीन के अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे प्रदर्शन हो सकते हैं।
    3. यह विश्व का बड़ा व्यापारिक केंद्र है।
    4.  'एक देश,दो प्रणाली' की व्यवस्था वन चाइना पॉलिसी में बाधक है।
    5. अपनी वैश्विक पहचान को एक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए भी वह ऐसे प्रयास करता है।
    चीन जब हांगकांग के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है तो हांगकांग में समय-समय पर ऐसे उग्र प्रदर्शन प्रारंभ हो जाते हैं वर्ष 2014 में भी लोकतांत्रिक मांगों को लेकर "अंब्रेला मूवमेंट" शुरू हो गया था उसके बाद से चीन इस प्रकार के विरोध प्रदर्शनों पर कड़ा नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास करता रहता है।

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