महात्मा बुद्ध का जीवन परिचय-
महात्मा बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे।बौद्ध धर्म अत्यधिक व्यावहारिक होने के कारण न केवल भारत अपितु दक्षिणी-पूर्वी एशिया,दक्षिणी- एशिया एवं पूर्वी -एशिया आदि में भी फला फूला।
जन्मतिथि- 563 ई०पू०
जन्मस्थान- लुम्बिनी(कपिलवस्तु)
बचपन का नाम- सिद्धार्थ
पिता- शुद्धोधन,जो कि शाक्य गणराज्य के प्रमुख थे
माता- महामाया या मायादेवी (लेकिन बुद्ध के जन्म के सातवें दिन ही महामाया का स्वर्गवास हो गया इसलिए गौतम बुद्ध का पालन-पोषण उनकी मौसी प्रजापति गौतमी ने किया)
पत्नी- यशोधरा
पुत्र- राहुल
सिद्धार्थ के मित्र एवं सारथी - चन्ना
प्रिय घोड़ा- कंथक
गौतम बुद्ध एक बार अपने राज्य में भ्रमण कर रहे थे तभी निम्नलिखित चार दृश्य देखकर उनके मन में सन्यास लेने की भावना उत्पन्न हुई।यह चार दृश्य निम्नलिखित थे-
प्रथम - बूढ़ा व्यक्ति
द्वितीय - बीमार व्यक्ति
तृतीय- मृत शरीर
चतुर्थ - सन्यासी
गृहत्याग- महात्मा बुद्ध ने अपने जीवन के 29वें वर्ष में गृह त्याग दिया इस घटना को महाभिनिष्क्रमण कहते हैं।
ज्ञान प्राप्ति- महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति निरंजना नदी के तट पर स्थित उरूवेला(बोधगया) में पीपल वृक्ष के नीचे वैशाख पूर्णिमा के दिन हुई,तब से उनका नाम तथागत या बुद्ध(ज्ञानी) पड़ा।
प्रथम उपदेश- महात्मा बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में पांच ब्राह्मणों को दिया इस घटना को धर्मचक्र प्रवर्तन कहते हैं
महापरिनिर्वाण- गौतम बुद्ध की मृत्यु 80 वर्ष की अवस्था में कुशीनगर में हुई इस घटना को महापरिनिर्वाण कहा जाता है।यहीं पर उन्होंने अपना अंतिम शिष्य सुभद्द नामक व्यक्ति को बनाया और उसे दीक्षा दी थी तथा अपना अंतिम उपदेश 'आनंद' को दिया था।
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