युद्ध कलाएं(मार्शल आर्ट्स)-
युद्ध प्रदर्शन संबंधी कलाओं को मार्शल आर्ट्स कहा जाता है,भारत की विभिन्न संस्कृतियों में प्राचीन समय से ही ये युद्व कलाएं प्रचलित रही हैं।देश के अलग अलग भागों में अलग अलग प्रकार की युद्व कलाएं देखने को मिलती हैं,कुछ प्रसिद्ध मार्शल आर्ट्स का विवरण इस प्रकार है-
1. कलारीपट्टू -यह केरल में प्रचलित एक प्रसिद्ध युद्ध कला है।यह अत्यंत प्राचीन युद्धकला है।नायर,एझावा जैसी योद्धा जातियां इनका अभ्यास परम्परागत रूप से करती थी।
2. सिलम्मबम - यह एक प्रकार की लाठी चलाने की कला है जो तमिलनाडु में प्रचलित है।
3. थांग टा - मणिपुर में प्रचलित है, इसमें थांग का मतलब तलवार तथा टा का मतलब भाला होता है।
4. सरित सरक - ये भी मणिपुर से सम्बन्धित है यह निशस्त्र मार्शल आर्ट्स है।
5. चेइबी गद- गा - ये भी मणिपुर से संबंधित है इसमें तलवार तथा ढाल का प्रयोग किया जाता है।
6. परी-खंडा- ये राजपूत मार्शल आर्ट्स से सम्बन्धित है जो कि बिहार राज्य में प्रचलित है।
7.थोड़ा- इसे वैशाखी के दिन खेला जाता है यह हिमाचल प्रदेश में प्रचलित है।
8.गतका - यह पंजाब का प्रसिद्ध मार्शल आर्ट है। इसमें छड़ी, कृपाण,तलवार, कटार का प्रयोग किया जाता है।
9.मर्दानी खेल - यह महाराष्ट का खेल है। इसमें तलवार तथा डोरीदार बरछी का उपयोग किया जाता है।
10. लाठी - यह प्राचीन हथियारों में एक है। यह विशेषता प. बंगाल तथा पंजाब में प्रचलित है।
11. कट्टू बरसाई - इसका जिक्र सर्वप्रथम संगम साहित्य में मिला था, इसका अर्थ है खाली हाथ संग्राम। यह तमिनाडु राज्य में प्रचलित है।
12.इंबुआई कुस्ती- यह मिजोरम में प्रचलित है।
13.मुष्ठी युद्ध - यह एक निशस्त्र मर्शल आर्ट्स है जो कि बनारस में प्रसिद्ध है।
14.स्काय - इसमें तलवार और ढाल का प्रयोग होता है यह कश्मीर में प्रचलित है।
15.पैका अखाड़ा - यह नृत्य और संग्राम का सम्मिलित रूप है इसका उत्पत्ति स्थल ओडिशा है।
16.मल्ल खंभ - इसमें रस्सी तथा पोल का प्रयोग होता है यह महाराष्ट्र में प्रचलित है।यह मध्यप्रदेश का राजकीय खेल है।
कुछ अन्य मार्शल आर्ट्स-
काथी सामू - आंध्रप्रदेश
मल्ल युद्ध- द. भारत भारत में प्रचिलत है।
बंदेश - यह पूरे भारत में प्रचलित है।
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