प्रधानमंत्री मुद्रा योजना-
इस योजना की शुरुआत अप्रैल 2015 में की गयी।इसके अंतर्गत ऐसे छोटे उद्यमों को ऋण प्रदान किया जाता है जो विनिर्माण,प्रसंस्करण,व्यापार या सेवा आदि क्षेत्रों में अपना व्यवसाय करना चाहते हैं।
प्रमुख उद्देश्य-
1. ऐसे लोगों तक ऋण की पहुंच उपलब्ध कराना जिन्हें बैंकिंग सुविधायें उपलब्ध नही हैं।
2. स्वरोजगार को बढ़ावा देना।
3. छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित करना।
4. सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को मिलने वाले वित्त की लागत में कमी करना।
MUDRA- Micro Units Development & Refinance Agency
मुख्य विशेषताएँ-
1. मुद्रा लिमिटेड नामक एक नई संस्था का गठन किया गया है।
2. इस योजना के अंतर्गत तीन प्रकार के ऋण प्रदान किये जाते हैं-
० शिशु- इसके तहत 50,000 रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है।
० किशोर- इसके अंतर्गत 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक के ऋण प्रदान किये जाते हैं।
० तरुण- इसके अंतर्गत 5 लाख से 10 लाख रुपये तक के ऋण प्रदान किये जाते हैं।
3. बैंकों,गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं,माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं और मुद्रा लिमिटेड द्वारा अधिसूचित वित्तीय संस्थाओं को मुद्रा लोन प्रदान करने के लिये अधिकृत किया गया है।
4. इस योजना के अंतर्गत बिना गारंटी के लोन दिया जाता है।
5. इस योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले ऋण के लिये कोई सब्सिडी नही दी जाती है।परन्तु इस समय महिला उद्यमियों को लोन प्रदान करने वाले माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं को 25 आधार अंको की ब्याज दर में छूट प्रदान की जाती है।
6. मुद्रा कार्ड वास्तव में डेबिट कार्ड होता है जिसे मुद्रा ऋण खाते के विरुद्ध जारी किया जा सकता है।
7. मुद्रा में लोन चुकाने की अवधि को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है।
8. इस योजना का प्रबंधन राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कम्पनी लिमिटेड द्वारा किया जाता है।
योजना का महत्व-
1. इससे छोटे उद्यमियों को संस्थागत ऋण की प्राप्ति हो सकेगी।
2. स्वरोजगार में वृद्धि होने से आर्थिक विकास।
3. छोटे शहरों,कस्बों में रोजगार के अवसर बढेंगे।
4. महिलाओं को इस योजना में अधिक महत्व देने से उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार।
5. ऋण के लिये किसी प्रकार का प्रोसेसिंग चार्ज नही लिया जाता।
6. नए तथा स्थापित व्यवसाय दोनों के लिये ऋण मिलने से यह योजना उद्यमों को स्थायित्व प्रदान करने में महत्वपूर्ण है।
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