हड़प्पा सभ्यता के महत्वपूर्ण स्थल-
हड़प्पा सभ्यता कांस्ययुगीन सभ्यता थी,यह सभ्यता एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र में फैली हुई थी जिसके अंतर्गत पाकिस्तान,भारत के पश्चिमी एवं उत्तरपश्चिमी क्षेत्र आदि आते थे।यह एक नगरीय सभ्यता थी जिसे आद्य-इतिहास के अंतर्गत रखा जाता है।
विभिन्न परीक्षाओं में हड़प्पा सभ्यता के स्थलों के बारे में प्रश्न पूछे जाते हैं जिनका विवरण इस प्रकार है-
1.हड़प्पा-
० इस स्थल का उत्खनन 1921 ईस्वी में दयाराम साहनी के द्वारा किया गया।
० यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मांटगोमरी जिले में रावी नदी के तट पर स्थित है।
० यहां से प्राप्त महत्वपूर्ण साक्ष्यों में विशाल अन्नागार, काँसे की इक्कागाड़ी, तांबे का पैमाना ,तांबे गलाने की भटियां तथा सर्वाधिक मात्रा में अभिलेखयुक्त मुहरे यही से मिली है।
2. मोहनजोदड़ो-
० इसका शाब्दिक अर्थ होता है - मृतकों का टीला
० इसका उत्खनन राखालदास बनर्जी द्वारा 1922 ईस्वी में किया गया।
० यह पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में सिंधु नदी के तट पर स्थित है।
० यहां से वृहद स्नानागार ,कांसे की नर्तकी की मूर्ति, पशुपति की मूर्ति ,पुरोहित आवास, दाढ़ी वाले साधु ,सीप का बना मानक वाट,सूती कपड़े का साक्ष्य आदि मिले हैं।
3. चन्हूदड़ो-
० इसका उत्खनन 1934 ईस्वी में गोपाल मजूमदार ने करवाया।
० यह सिंधु नदी के तट पर पाकिस्तान में स्थित है।
० यहां से मनका बनाने का कारखाना,दवात,काजल,कंघा, लिपस्टिक, वक्राकार ईंटे आदि मिली है।
4.लोथल-
० यह गुजरात राज्य के अहमदाबाद जिले में भोगवा नदी के तट पर स्थित है इसके उत्खननकर्ता रंगनाथ राव थे।
० यहां से प्राप्त सबसे महत्वपूर्ण साक्ष्य गोदीवाड़ा या डॉकयार्ड है।
० इसके अतिरिक्त यहां से युग्मित समाधान ,रंगाई के कुंड, हाथी दांत का पैमाना, सीपयुक्त देवता की आकृति तथा अग्नि वेदिका के साक्ष्य मिले हैं।
5.रोपड़-
० यह सतलज नदी के किनारे पंजाब के रोपड़ जिले में स्थित है।
० यहां से मानव के साथ कुत्ते को दफनाने का महत्वपूर्ण साक्ष्य मिला है।
० इसके साथ ही यहां से तांबे की कुल्हाड़ी तथा संस्कृति के 5 स्तर प्राप्त हुए हैं।
6.कालीबंगा-
० इस के उत्खननकर्ता बी०बी० लाल तथा बी० के० थापर हैं।
० यह स्थल राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में घग्गर नदी के किनारे स्थित था।
० यहां से जुते हुए खेत के साक्ष्य मिले हैं, साथ ही अग्निवेदियाँ, पकी ईंटे तथा अलंकृत फर्श के साक्ष्य महत्वपूर्ण है।
7.धोलावीरा-
० यह गुजरात के कच्छ जिले में लूनी नदी के किनारे स्थित है इस के उत्खननकर्ता रविंद्र सिंह बिष्ट हैं।
० ऐसा पहला नगर था जो तीन भागों में विभाजित था-दुर्ग,मध्यम तथा निचला नगर।
० यहां से सिंधु लिपि के 10 बड़े अक्षर ,विशिष्ट जल संग्रहण व्यवस्था ,पोलिशदार श्वेत पाषाण खंड ,स्टेडियम आदि के साक्ष्य मिले हैं।
० यह भारत में स्थित सबसे बड़ा हड़प्पा स्थल है।
8.बनावली-
० हरियाणा के हिसार जिले में स्थित है।
० रविन्द्र सिंह बिष्ट उत्खननकर्ता थे।
० यहाँ से हल,मिट्टी का खिलौना,जौ,ताँबे का वाणाग्र तथा मातृदेवी की मृण्मूर्ति के साक्ष्य मिले हैं।
9.कोटदीजी-
० यह पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में स्थित है।
० यहां से पत्थर के वाणाग्र मिले हैं।
10. रंगपुर-
० एक गुजरात के काठियावाड़ जिले में स्थित हैं
० इसके उत्खननकर्ता रंगनाथ राव थे।
० यहां से चावल की भूसी ,घोड़े की मृण्मूर्ति, कच्ची ईंटों के दुर्ग आदि के साक्ष्य मिले हैं।
11.आलमगीरपुर-
० यह उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हिंडन नदी के किनारे स्थित है।
० यहां से मिट्टी के बर्तन ,रोटी बेलने की चौकी ,सांप तथा रीछ की मृण्मूर्ति आदि के साक्ष्य मिले हैं।
० यह स्थल हड़प्पा सभ्यता के अंतिम चरण को दर्शाता है।
12. सुतकागेंडोर-
० यह बलूचिस्तान में दाश्क की नदी के किनारे स्थित है।
० यहां से मिट्टी के बर्तन, तांबे की कुल्हाड़ी, मनुष्यों की अस्थियां आदि के साक्ष्य मिले हैं।
13. राखीगढ़ी-
० हरियाणा के हिसार जिले में स्थित है ।
० इसके उत्खननकर्ता अमरेंद्र नाथ हैं।
० यह धोलावीरा के बाद भारत में हड़प्पा का दूसरा बड़ा स्थल है।
० यहां से नर कंकाल, स्तंभ युक्त मंडप,अग्निवेदिकाएँ आदि के साक्ष्य मिले हैं।
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