ओशन मैपिंग: सीबेड 2030
सीबेड 2030 जापान के निप्पॉन फाउंडेशन और महासागरों के जनरल बाथिमेट्रिक चार्ट (GEBCO) के बीच एक सहयोगी परियोजना है।
यह जून 2017 में संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन में लॉन्च किया गया था और महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों के संरक्षण और निरंतर उपयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 14 के साथ गठबंधन किया गया है। परियोजना का लक्ष्य 2030 तक विश्व महासागर तल के निश्चित मानचित्र का उत्पादन करने के लिए सभी उपलब्ध बाथमीट्रिक डेटा को एक साथ लाना और इसे सभी के लिए उपलब्ध कराना है। अतीत में, ऊंचाई वाले उपकरणों को ले जाने वाले उपग्रह और विमान समुद्र तल के बारे में बड़े पैमाने पर डेटा प्रदान करने में सक्षम रहे हैं। हालांकि, Seabed 2030 परियोजना का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता की जानकारी प्राप्त करना है, जिसमें सभी स्थानों पर 100 मीटर की न्यूनतम रिज़ॉल्यूशन हो।
अब तक इस प्रोजेक्ट का पांचवा हिस्सा पूरा किया जा चुका है अर्थात संपूर्ण विश्व के समुद्र तल के 1/5 भाग की मैपिंग की जा चुकी है।
परियोजना के फायदे:-
1. इससे सागर जलस्तर में होने वाले बदलाव तथा जलवायु परिवर्तन को समझने में मदद मिलेगी।
2. सागरीय संसाधनों के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी,भविष्य में सागरीय संसाधनों पर निर्भरता बढ़ने की अधिक संभावना है।
3. इससे ज्वार भाटा ,सागरीय तरंगों, महासागरीय धाराओं आदि को जानने में सहायता मिलेगी।
4. आपात स्थितियों जैसे सुनामी ,समुद्री भूकंप ,ज्वालामुखी विस्फोट आदि का आकलन एवं उससे निपटने में सहायक।
5. सागरीय भागों में बढ़ रहे समुद्री प्रदूषण के आकलन एवं नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
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