जैव विविधता किसी भी जैविक तंत्र का आधार होती है,जो जीवों के बीच पायी जाने वाली विविधता को प्रदर्शित करती है इसको जैविक जगत में आनुवंशिक,प्रजाति और पारिस्थितिक तंत्र की विविधता के रूप में देखा जा सकता है।
जैव विविधता हॉटस्पॉट वो जैव-भौगोलिक क्षेत्र होते हैं जो जैव विविधता की दृष्टि से सम्पन्न होते हैं तथा जहाँ जैव विनाश का ख़तरा उपस्थित होता है।इस अवधारणा को सर्वप्रथम नार्मन मायर्स ने प्रस्तुत किया था।
किसी भी क्षेत्र को हॉटस्पॉट घोषित करने के लिये 2 मानदंडों को पूरा करना चाहिए-
1.उस क्षेत्र में संवहनीय पौधों की 1500 प्रजातियां या दुनिया की 0.5% प्रजातियां स्थानिक होनी चाहिए।
स्थानिक प्रजातियां वेे प्रजातियां होती है जो स्थान विशेष को छोड़कर अन्यत्र कहींं नहीं पायी जाती हैंं।
2.जिनकी 70% प्राथमिक वनस्पतियां नष्ट हो चुकी हो।
विश्व में इस समय 36 स्थलों की पहचान हॉटस्पॉट के रूप में की गई है प्रमुख हॉटस्पॉट इस प्रकार है-
उत्तरी अमेरिकी तटीय मैदान,कैलिफोर्निया फ्लोरीस्टिक,कैरेबियन द्वीप,भूमध्य सागरीय बेसिन,हॉर्न ऑफ अफ्रीका,काकेशस,सुन्डालैंड,पूर्वी हिमालय,पोलिनेशिया माइक्रोनेशिया आदि।
कन्जर्वेशन इंटरनेशनल ने इन स्थलों की पहचान हॉटस्पॉट के रूप में कई है।
महत्वपूर्ण तथ्य-
1.हॉटस्पॉट पृथ्वी की स्थलीय सतह के 2.4% भाग पर फैले हुए हैं।
2.इन हॉटस्पॉट क्षेत्रों में विश्व के पौधों,पक्षियों,उभयचरों,सरीसृपों की 60% प्रजातियां निवास करती है।
3.हॉटेस्ट हॉटस्पॉट- ऐसे हॉटस्पॉट जहां पर स्थानिक प्रजातियों की अधिकता पायी जाती है उन्हें हॉटेस्ट हॉटस्पॉ्ट कहा जाता है विश्व में ऐसे 8 स्थलों की पहचान की गयी है जो इस प्रकार हैं- पूर्वी अफ्रीका का तटीय क्षेत्र, कैरेबियन द्वीप, ब्राजील का पूर्वी तटीय अटलांटिक क्षेत्र ,मेडागास्कर,फिलीपींस सुंडालैंड, इंडो -बर्मा और पश्चिमी घाट।
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