यह भारत सरकार के पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की योजना है जिसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम(UNDP) के सहयोग से प्रारंभ किया गया है। यह एक 6 वर्षीय परियोजना है जिसे बर्ष 2017 में प्रारंभ किया गया था और यह 2023 तक कार्यरत रहेगी।
लाभान्वित राज्य-
इस परियोजना के अंतर्गत 4 हिमालयी राज्य आते हैं-
1.जम्मू-कश्मीर(अब केंद्र शाषित प्रदेश)
2. हिमाचल प्रदेश
3.उत्तराखंड और
4.सिक्किम
वित्तपोषण-
इस परियोजना को निम्नलिखित से वित्तपोषण प्राप्त होता है-
1. भारत सरकार
2. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और
3.वैश्विक पर्यावरण सुविधा(GEF)
उद्देश्य-
उच्च हिमालय पारिस्थितिकी संरक्षण जिसके अंतर्गत वन,भूमि,मृदा ,जैव विविधता और दृश्य भूमि संरक्षण को समाहित किया गया है तथा उस क्षेत्र में निवास करने वाले स्थानीय समुदाय के लिये आजीविका प्रबंधन।
अन्य विशेषताएं-
1. इस क्षेत्र में बढ़ रही मानवीय गतिविधियों जैसे अनियोजित कृषि ,आवासीय संरचना ,पर्यटन के कारण हुए पर्यावरण निम्नीकरण को रोकना।
2. हिम तेंदुआ और अन्य एंडेंजर्ड स्पीशीज का संरक्षण।
3. वन्यजीवों की तस्करी तथा उनके खिलाफ होने वाले अपराधोंं को रोकना।
4. इस हिमालयी क्षेत्र में पाए जाने वाले दुर्लभ औषधीय एवं सुगंधित पौधों का संरक्षण।
5. इस क्षेत्र में मॉनिटरिंग एवं स्थानीय समुदाय के सहयोग से सतत विकास को बढ़ावा देना।
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