सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार
सुर्ख़ियों में क्यों?
>पहला सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार 31 अक्टूबर को प्रदान किया जाएगा।
सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार
> सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार किसी व्यक्ति, संस्था या समूह को भारत की एकता और अखंडता के लिए उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाएगा।
> यह पुरस्कार भारतीय राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन में पद्द पुरस्कार प्रस्तुति के साथ एक समारोह में प्रदान किया जाएगा।
> सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार में एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र शामिल होगा।
> यह पुरस्कार किसी बहुत ही दुर्लभ मामलों में ही मरणोपरांत दिया जा सकेगा।
> पुरस्कार में कोई मौद्विक अनुदान या नकद इनाम नहीं होगा।
>एक वर्ष में तीन से अधिक पुरस्कार नहीं दिए जाएंगे।
> सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार समिति की रचना
> प्रधानमंत्री द्वारा गठित पुरस्कार समिति में राष्ट्रपति के सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव और गृह सचिव सदस्य और 3-4 प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होंगे, जिन्हें प्रधानमंत्री द्वारा चुना जाएगा।
सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार नामांकन: प्रमुख विवरण
> कोई भी भारतीय नागरिक, संस्था या भारत स्थित संगठन किसी व्यक्ति को पुरस्कार के लिए नामित कर सकता है।
> इस पुरस्कार के लिए व्यक्ति खुद को नामांकित भी कर सकता है।
> उनके अलावा, राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन और सरकारी मंत्रालय अपना नामांकन भेज सकते हैं।
> नामांकन हर साल आमंत्रित किए जाएंगे। आवेदन को गृहमंत्रालय द्वारा डिजाइन की गईं एक विशिष्ट वैबसाइट पर ऑनलाइन दर्ज करना होगा।
> सभी नागरिक धर्म, जाति, नस्ल, लिंग, जन्मस्थान, उम्र या व्यवसाय के आधार पर बिना किसी भेदभाव के पुरस्कार के पात्र होंगे।
राष्ट्रीय एकता दिवस
> भारत को एकजुट करने के लिए प्रसिद्ध व्यक्तित्व, सरदार वल्लभभाई पटेल की जय॑ती राष्ट्रीय एकता दिवस (राष्ट्रीय एकता दिवस) है।
> इस दिन को भारत की केंद्र सरकार द्वारा 2014 में नई दिल्ली में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में हर साल पटेल की जयंती मनाने के लिए तय किया गया था।
> इसका उद्देश्य भारत को एकजुट करने के उनके महान प्रयासों के लिए उन्हें श्रद्धांजलि देना था।
स्वतंत्रता संग्राम में पटेल का योगदान
> पटेल ने भारतीय पर हो रही बर्बरता के खिलाफ आठाज उठाई। उन्होंने खेड़ा जिले में प्लेत और अकाल के समय राहत प्रयार्सों का आयोजन किया।
> पटेल ने करों के भुगतान से इनकार करने के लिए देशव्यापी विद्रोह में अधिकतम लोगों को शामिल करने के लिए गांव-दर-गांव दौरे की शुरुआत की।
> पटेल ने गांधी के असहयोग आंदोलन का समर्थन किया और 3,00,000 से अधिक सदस्यों की भर्ती कराया और 15 लाख रुपये फंड के रूप में इकट्टे किये।
> 1923 में गांधी की अनुपस्थिति में पटेल के नेतृत्व में सत्याग्रह का नेतृत्व एक कानून के खिलाफ किया गया था, जिसमें भारतीय ध्वज फहराना प्रतिबंधित था।
स्वतंत्रता के बाद पटेल का योगदान
> देश के पहले गृहमंत्री होने के नाते पटेल ने सभी रियासतों को एक कर भारत में विलय करना का सबसे बड़ा काम किया।
> उन्होंने पंजाब और दिल्ली में शरणार्थियों के लिए रिफ्यूजी कैंप स्थापित किये।
> पटेल मूलभूत अधिकारों, आदिवासी, अल्पसंख्यकों और प्रांतीय संविधान समीतियों के चैयरमेन रहे थे।
- मुख्य प्रश्न
क्या राष्ट्रीय एकता पुरस्कार प्रदान करना देश की एकता और अखंडता के योगदान के लिए व्यक्तियों के काम को स्वीकार करने का सही तरीका है? चर्चा करें