अधिगम का अंतरण
अधिगम एक निरंतर (continuous) चलने वाली प्रक्रिया है जो कुछ हम आज सीखते है उसको कल कहीं न कहीं प्रयुक्त (apply) करते है.प्रारम्भ में हम भाषा सीखते है तथा उस भाषा के ज्ञान के आधार पर विभिन्न विषयों का ज्ञान प्राप्त करते है.इस प्रकार एक परिस्थिति में सीखे गए ज्ञान या कौशल (knowledge) का दूसरी परिस्थिति में प्रयोग करना ही अधिगम अंतरण या अधिगम स्थानांतरण कहलाता है.
उदाहरणार्थ :- हिंदी भाषा पढ़ना व् लिखना सिख कर विद्यार्थी इतिहास, लोकप्रशासन आदि विषयों का ज्ञान प्राप्त करता है तो वह इनके अध्ययन में हिंदी के ज्ञान का प्रयोग करता है वह अधिगम अंतरण है.
अधिगम अंतरण का अर्थ इन परिभाषों द्वारा और स्पष्ट हो जाता है –
अंडरवुड के अनुसार:- ” इसका अर्थ वर्तमान क्रिया पर पूर्व अनुभवों का प्रभाव होता है | “
हिलगार्ड एवं एटकिंसन के अनुसार :-“अधिगम स्थानांतरण में एक क्रिया का दूसरी क्रिया पर प्रभाव पड़ता है |”
कॉलसनिक के अनुसार :-” इनके अनुसार पहली परस्थिति से प्राप्त ज्ञान कौशल आदत अभियोगिता का दूसरी परिस्थिति में प्रयोग करना है | “
गुथरी एवं पावर्स के अनुसार :-“अधिगम अंतरण से अभिप्राय व्यवहार के विस्तार तथा विनियम से है| “
अधिगम अंतरण के प्रकार पहले सीखे गए ज्ञान या कौशल का बाद में सीखे जाने वाले ज्ञान या कौशल पर पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर अभिगम को तीन प्रकार में बांटा गया है :-
सकारत्मक या धनात्मक अधिगम स्थानांतरण(Positive Transfer):- इस प्रकार के अधिगम अंतरण में एक विषय का ज्ञान दूसरे विषय का ज्ञान प्राप्त में सहायता पहुंचता है | उदाहरणार्थ किसी व्यक्ति का हिंदी का ज्ञान उसे संस्कृत सिखने में मदद करेगा यही सकारत्मक अधिगम अंतरण है |
नाकारत्मक या ऋणात्मक अधिगम स्थानांतरण(Negative Transfer):- जब पहले प्राप्त किया गया ज्ञान या कौशल नए ज्ञान या कौशल में बंधा उत्पन करते है | उदाहरणार्थ :- अंग्रेजी भाषा का प्राप्त ज्ञान व्यक्ति को संस्कृत भाषा के ज्ञान में बांधा या अवरोध का सामना करना पड़ता है |
शुन्य अधिगम स्थानांतरण(Zero Transfer) :- इस प्रकार के अधिगम अंतरण में एक विषय का ज्ञान न तो दूसरे विषय के लिए सहायक होता है और न ही बांधा उत्पन करता है | उद्दाहरणार्थ क्रिकेट का एक खिलाडी बल्लेबाजी के बाद गेंद फेंकने का कौशल सीखता है इस पर बल्लेबाजी के कौशल का कोई प्रभाव नहीं पड़ता |
क्षैतिज अंतरण(Horizontal Transfer) :– जब एक किसी परस्थिति में अर्जित ज्ञान अनुभव अथवा प्रशिक्षण का उपयोग व्यक्ति के द्वारा उसी प्रकार की लगभग समान परस्थिति में किया जाता है |
उध्र्व अंतरण(Vertical Transfer): –जब किसी परिस्थिति में अर्जित ज्ञान , अनुभव अथवा प्रशिक्षण का उपयोग व्यक्ति के द्वारा किसी अन्य भिन्न प्रकार की अथवा उच्च स्तर की परस्थितियों में किया गया है तब इसे अधिगम का उध्र्व कहते है | जैसे स्कूटर चलाने वाले व्यक्ति द्वारा कार चलना सीखते समय इसके पूर्व अनुभवों का उध्र्व अंतरण होता है |
द्विपाशिव्रक अंतरण (Bilateral Transfer) :- मानव शरीर के भागों को दांया भाग तथा बांया भाग में बांटा जा सकता है | जब मानव शरीर के एक भाग को दिए गए प्रशिक्षण का अंतरण दूसरे भाग में हो जाता है तो इसे द्विपाशिव्रक अंतरण कहते है | जैसे दाएं हाथ से लिखने की योग्यता का लाभ जब व्यक्ति बाएं हाथ से लिखना सिखने में करता है तो इसे द्विपाशिव्रक अंतरण कहेंगे |